Baghawat Lyrics – Skyshahil
Singer: Skyshahil
Title: Baghawat
आज भी मेरे ख़यालों की तपिश ज़िंदा है
मेरे गुफ़्तार की देरीना रविश ज़िंदा है।
आज भी मेरे ख़यालों की तपिश ज़िंदा है
मेरे गुफ़्तार की देरीना रविश ज़िंदा है।
आज भी ज़ुल्म के नापाक रिवाजों के ख़िलाफ़
मेरे सीने में बग़ावत की ख़लिश ज़िंदा है।
जब्र-ओ-सफ़्फ़ाकी-ओ-तुग़्यान का बाग़ी हूँ मैं
नश्शा-ए-क़ुव्वत-ए-इंसान का बाग़ी हूँ मैं।
आज भी मेरे ख़यालों की तपिश ज़िंदा है
मेरे गुफ़्तार की देरीना रविश ज़िंदा है।
जहल परवरदा ये क़दरें, ये निराले क़ानून
ज़ुल्म ओ अदवान की टकसाल में ढाले क़ानून।
तिश्नगी नफ़्स के जज़्बों की बुझाने के लिए
नौ-ए-इंसां के बनाये हुए काले क़ानून।
ऐसे क़ानून से नफ़रत है, अदावत है मुझे
इनसे हर साँस में तहरीक-ए-बग़ावत है मुझे।
आज भी मेरे ख़यालों
तुम हँसोगे कि ये कमज़ोर सी आवाज़ है क्या!
झनझनाया हुआ, थर्राया हुआ साज़ है क्या!
तुम हँसोगे कि ये कमज़ोर सी आवाज़ है क्या!
झनझनाया हुआ, थर्राया हुआ साज़ है क्या!
जिन असीरों के लिए वक़्फ़ हैं सोने के क़फ़स
उनमें मौजूद अभी ख़्वाहिश-ए-परवाज़ है क्या!
आह! तुम फ़ितरत-ए-इंसान के हमराज़ नहीं
मेरी आवाज़, ये तन्हा मेरी आवाज़ नहीं।
मेरी आवाज़, ये तन्हा मेरी आवाज़ नहीं।
तुम हँसोगे कि ये कमज़ोर सी आवाज़ है क्या!
झनझनाया हुआ, थर्राया हुआ साज़ है क्या!
अनगिनत रूहों की फ़रियाद है शामिल इसमें
सिसकियाँ बन के धड़कते हैं कई दिल इसमें।
तह नशीं मौज ये तूफ़ान बनेगी इक दिन
न मिलेगा किसी तहरीक को साहिल इसमें।
इसकी यलग़ार मेरी ज़ात पे मौक़ूफ़ नहीं
इसकी गर्दिश मेरे दिन-रात पे मौक़ूफ़ नहीं।
तुम हँसोगे कि ये कमज़ोर सी आवाज़ है क्या!
झनझनाया हुआ, थर्राया हुआ साज़ है क्या!
हँस तो सकते हो, गिरफ़्तार तो कर सकते हो
ख़्वार-ओ-रुस्वा सर-ए-बाज़ार तो कर सकते हो।
अपनी क़ह्हार ख़ुदाई की नुमाइश के लिए
मुझको नज़्र-ए-रसन-ओ-दार तो कर सकते हो।
तुम ही तुम क़ादिर-ए-मुतलक़ हो, ख़ुदा कुछ भी नहीं?
जिस्म-ए-इंसां में दिमाग़ों के सिवा कुछ भी नहीं।
हँस तो सकते हो, गिरफ़्तार तो कर सकते हो
ख़्वार-ओ-रुस्वा सर-ए-बाज़ार तो कर सकते हो।
आह! ये सच है कि हथियार के बल-बूते पर
आदमी नादिर-ओ-चंगेज़ तो बन सकता है।
ज़ाहिरी क़ुव्वत-ओ-सितवत की फ़रावानी से
लेनिन-ओ-हिटलर-ओ-अंग्रेज़ तो बन सकता है।
सख़्त दुश्वार है इंसां का मुकम्मल होना
हक़-ओ-इंसाफ़ की बुनियाद पे अफ़ज़ल होना।
हक़-ओ-इंसाफ़ की बुनियाद पे अफ़ज़ल होना।
हँस तो सकते हो, गिरफ़्तार तो कर सकते हो!!
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Baghawat – English Translation
Even today my thoughts are alive
The delay of my Gufts is Ravish alive.
Even today my thoughts are alive
The delay of my Gufts is Ravish alive.
Even today against the nefarious customs of oppression
My chest rebellion is alive.
I am the rebel of Jabra-O-Safaki-O-Tugyan
I am the rebel of Nasha-e-Quvavat-e-Insan.
Even today my thoughts are alive
The delay of my Gufts is Ravish alive.
These are the uninterrupted laws
Law in the mint of persecution o Adwan.
To extinguish the feelings of Tishnagi Nafs
Black law made by Nau-e-Insan.
I hate such a law, I am in adoration
I have Tehreek-e-Bagawat in every breath.
Even today my thoughts
You will laugh that this is a weak voice!
What is a tingling, trembling instrument!
You will laugh that this is a weak voice!
What is a tingling, trembling instrument!
For whom there are wakes for the assets of gold
What is the Khwish-e-Parvaz present in them!
Ahh! You are not the Hamaraz of Fitrat-e-Insan
My voice, this is not my voice.
My voice, this is not my voice.
You will laugh that this is a weak voice!
What is a tingling, trembling instrument!
It is involved in countless souls
Many hearts beats in sobs.
Teh drug addiction will become a storm
No Tehreek will be found in Sahil in it.
It is not a chance on my life
Its heating is not a chance on my day and night.
You will laugh that this is a weak voice!
What is a tingling, trembling instrument!
You can laugh, you can arrest
You can do Khwar-o-Ru-Raswa Sir-e-Bazar.
To represent your own self
You can do Nazr-e-Rasan-O-Dar.
You are the only one-friend of you, nothing is anything?
There is nothing but minds in Jism-e-Insan.
You can laugh, you can arrest
You can do Khwar-o-Ru-Raswa Sir-e-Bazar.
Ahh! It is true that on the strength of the weapon
A man can become Nadir-O-Change.
From Jahri Quvat-o-Sitwat’s Faravani
Lenin-o-Hitler-O-English can be formed.
The tough is bad
Hak-o-Insaf’s foundation to be on the foundation.
Hak-o-Insaf’s foundation to be on the foundation.
You can laugh, you can arrest !!
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Lyrics Skyshahil – Baghawat
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